NEET/JEE विवाद और राजनीतिकरण

 देश मे एक परीक्षा विवाद चल रही है, और वो है कि क्या NEET/JEE की परीक्षा होनी चाहिए इस कोरोना महामारी के दौरान? इस विषय ने दंतहीन विपक्ष को एकजुट करने का काम किया है और वो इसे एक शस्त्र की तरह देख रहे हैं जिससे सरकार को अपनी ताकत का एहसास दिखा सके और यही नही देश के नवयुवकों के हितैषी बन सके, हो भी क्यों ना इस देश के युवकों का झुकाव जिस प्रकार से मोदी जी के लिए है वो असाधारण है ।



आश्चर्य की बात नही की कोरोना की वजह से देश को कई साल के मोर्चो पे पीछे धकेल दिया है । इसमें भी कोई दो राय नही है कि सरकार के कई दावों और प्रयासों के बावजूद कोरोना का प्रसार तेजी से बढ़ और अभी हम दुनिया मे तीसरे पायदान पे खड़े हैं जहां करीना ने सबसे ज़्यादा लोगो को अपने चपेट में लिया है । 

लेकिन जिस तरह से कल कारखाने खुले हैं, बन्द पड़े दुकाने, मॉल्स, और यातायात के साधन खुले हैं उस समय मे किसी एक परीक्षा जो कि सिर्फ 3 घंटो के लिए आयोजित होगी उसे आगे धकेल कर हम उन स्टूडेंट्स के साथ कितना न्याय कर पाएंगे जो अपनी तैयारी पहले से कर रखी है और वो पिछड़ना नही चाहते । इस विषय पर विद्यार्थियों में भी दो मत हैं । पर पोलिटिकल पार्टी तो इसके द्वारा अपना हित साधने में ही लगी हैं, आम आदमी पार्टी के हवाले से ये खबर है कि वो दिल्ली मेट्रो को फिर से दौड़ाने की तैयारी में हैं जिसमे दिल्ली के लाखों लोग सफर करते हैं और दूसरी तरफ NEET/JEE  परीक्षा के खिलाफ हैं मतलब साफ है कि ये सिर्फ पाखंड है और अगर उनके लिए विद्यार्थियों का जीवन अनमोल है तो फिर आम आदमी का क्यों नही, क्या लाखों लोग जो हर दिन मेट्रो में सफर करेंगे वो सुरक्षित होंगे इसकी दावेदारी की जा सकती है । वही कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस तो इसे देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करना चाहती हैं मतलब साफ है कि राजनीतिक विशात बिछाने की पूरी तैयारी की जा चुकी है और अगर सरकार पीछे हटी तो हर पार्टी इनका श्रेय लेने के लिए सिरफुटौव्वल करेगी । अपने आपको सभी छात्रों का हितैषी बनाने के चक्कर मे हैं और ज़्यादा से ज़्यादा फायदा लेना चाहते हैं ।

सरकार को भी चाहिए को विद्यार्थियों से जनमत करवाए और परीक्षा केंद्रों तक के लिए यातायात का  सुरक्षित प्रबंध किया जाय । यही नही बल्कि जो छात्र परीक्षा नही देना चाहते उन्हें उनकी समस्या सुनकर उपाय निकाली जाय या उन्हें इस बात के लिए तैयार किया जाय कि ये बेहतर विकल्प होगा ।

इस विषय का कोई राजनीतिकरण ना हो सके ये सभी की जिम्मेदारी है, खासकर के सरकार की । जिस प्रकार से कोरोना का प्रचार प्रसार बढ़ रहा है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि हमे आगे बढ़ना ही होगा और हम इसे खत्म होने तक अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को नही रोक सकते । सिर्फ सुरक्षित होकर और बचाव से ही इसे खत्म किया जा सकता है । 

आप भी अपने विचार इस विषय पे रख सकते हैं । धन्यवाद 🙏🏻

Image source : India TV.


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